आज हम आपको इस आर्टिकल में भगंदर को जड़ से खत्म करने की दवा | bhagandar kya hota hai बताने वाले है अगर आपको भी जानना है की भगंदर को जड़ से खत्म करने की दवा | bhagandar kya hota hai तो आप हमारा ये आर्टिकल पढ़ सकते है क्योकि आज हम आपको इस आर्टिकल में भगंदर को जड़ से खत्म करने की दवा | bhagandar kya hota hai बताने वाले है।
भगंदर को जड़ से खत्म करने का उपाय
भगंदर एक बहुत ही दर्दनाक बीमारी है। यह रोग रोगी के मलद्वार के अंदर और बाहर फोड़े जैसा हो जाता है। भगंदर के मरीजों को मल त्यागने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जब किसी व्यक्ति को भगंदर रोग हो जाता है तो वह बहुत चिंतित हो जाता है। हालांकि, रोजाना की जिंदगी में बदलाव करके और घरेलू नुस्खे अपनाकर बिना सर्जरी के भगंदर का इलाज किया जा सकता है।
आज की इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि भगंदर क्या है, इसके कारण, लक्षण और भगंदर को जड़ से खत्म करने के उपाय क्या हैं।
भगंदर क्या है?
भगंदर को अंग्रेजी में भगंदर कहते हैं। यह रोग मनुष्य के मलद्वार में होने वाला एक गंभीर रोग है। भगंदर होने पर पीड़ित व्यक्ति की गुदा में या उसके आसपास छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं और धीरे-धीरे ये घाव का रूप लेने लगते हैं।
भगंदर से पीड़ित व्यक्ति का जीवन बहुत कष्टमय हो जाता है, उसे चलते-फिरते, उठते-बैठते, शौच करते समय असहनीय पीड़ा होती है।
भगंदर के रोगी के गुदा के आसपास का भाग पीला पड़ जाता है। और कुछ दिनों के बाद भगंदर दो मुंह वाला हो जाता है, यानी अपना मुंह दूसरी तरफ कर लेता है। अगर समय रहते भगंदर का इलाज नहीं किया जाए तो यह कैंसर का रूप में भी बदल सकती है।
भगंदर को जड़ से खत्म करने का उपाय
अगर किसी मरीज का भगंदर शुरुआती स्टेज में है तो उसे कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर ठीक किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं भगंदर को जड़ से खत्म करने के उपाय और घरेलू उपाय क्या हैं-
1.)गुनगुने पानी से सिकाई- भगंदर के देसी इलाज के लिए गुनगुने पानी से सिंकाई करना काफी फायदेमंद माना जाता है। भगंदर के रोगी को गुनगुने पानी से गुदाद्वार पर सिंकाई करनी चाहिए, इससे दर्द में आराम मिलता है।
2.) टी ट्री ऑयल से- अब इस मिश्रण को एक सूती कपड़े की मदद से भगंदर वाली जगह पर लगाए ये मिश्रण भगंदर वाली जगह को धुंधला कर देता है। इस प्रक्रिया को कुछ दिनों तक करने से भगंदर ठीक हो जाता है।
टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो भगंदर के घाव को भरने में कारगर माना जाता है। भगंदर को जड़ से खत्म करने के लिए एक चम्मच जैतून का तेल और एक चम्मच टी ट्री ऑयल को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें।
अब इस मिश्रण को एक सूती कपड़े की मदद से भगंदर के प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह प्रक्रिया रोजाना कुछ दिनों तक करने से भगंदर ठीक हो जाता है।
3.) भगंदर का बिना ऑपरेशन इलाज है अनार- अनार एक बेहतरीन फल है जो शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ कई बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है। अनार के पत्ते भी बहुत फायदेमंद होते हैं और बिना सर्जरी के भगंदर का इलाज करने में सक्षम होते हैं।
इसके लिए अनार के पत्तों को पानी में उबाल लें। अब इस पानी से भगंदर से प्रभावित जगह को धोने से काफी आराम मिलता है।
4.) भगंदर का देसी इलाज है लहसुन- लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। भगंदर का घरेलू उपचार से ठीक करने के लिए लहसुन को पीसकर घी में भून लें। अब इस मिश्रण को भगंदर से प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे आपका भगंदर जल्दी ठीक हो जाएगा।
5.) भगंदर का स्थाई इलाज केला और कपूर है- केले में पाए जाने वाले पोषक तत्व शारीरिक कमजोरी को दूर कर ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। भगंदर के स्थाई इलाज के लिए केला काफी असरदार माना जाता है।
इसके लिए पके हुए केले के बीच में चीरा लगाकर कपूर रख दें और उसका सेवन करें। इस प्रक्रिया को करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि एक घंटे पहले और बाद में किसी और चीज का सेवन न करें।
6.) काली मिर्च- काली मिर्च के औषधीय गुण शरीर की कई सारी बीमारियों को दूर रखने में मदद करता हैं और भगंदर को ठीक करने में भी सक्षम करता हैं। भगंदर को जड़ से खत्म करने के लिए काली मिर्च और लाजवंती को पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को भगंदर से प्रभावित जगह पर लगाएं।
7.) भगंदर का बिना ऑपरेशन इलाज है त्रिफला- त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके सेवन से कई तरह के लाभ मिलते हैं। बिना सर्जरी के भगंदर का इलाज करने के लिए त्रिफला से हाथ धोने के बाद इसमें बिल्ली या कुत्ते की हड्डी का पाउडर मिलाकर भगंदर प्रभावित जगह पर लगाएं।
8.) भगंदर का स्थाई इलाज है पत्तागोभी- गोभी को प्रोटीन और फाइबर का उच्च स्रोत माना जाता है, जिससे मल त्याग में कठिनाई नहीं होती है। भगंदर के स्थाई इलाज के लिए पत्तागोभी का सूप बनाकर पिया जा सकता है।
सूप बनाने के लिए सबसे पहले कटी हुई गोभी को पानी में डालकर उबाल लें। उबालने के बाद जब पानी का रंग पूरी तरह बदल जाए तो इस पानी को छान लें। इसके बाद इस मिश्रण में काला नमक और सोंठ पाउडर मिलाकर सेवन करें।
9.) भगंदर का देसी इलाज पपीता- भगंदर के मरीजों के लिए पपीता बहुत फायदेमंद होता है। पपीता खाने से कब्ज दूर होता है और मल त्याग में आसानी से होती है।
भगंदर का घरेलू उपचार करने के लिए एक पके पपीते को छीलकर अच्छी तरह साफ कर लें। इसके बाद इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसका सेवन करें।
10.) नीम से भगंदर को जड़ से खत्म करे- भगंदर को जड़ से खत्म करने के लिए नीम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए नीम की पत्तियों को उबालकर उसका पेस्ट बनाकर भगंदर पर लगाएं। इसके अलावा नीम के पत्ते, देसी घी और तिल को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें।
और फिर इसमें जौ का आटा मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को कपड़े में बांधकर भगंदर वाली जगह पर रखें, इससे काफी आराम मिलता है।
भगंदर के लक्षण-
भगंदर के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं-
- गुदा में बार-बार फोड़े होना।
- शौंच के करते समय दर्द होना।
- गुदा के आसपास दर्द और सूजन होना।
- मल त्यागते समस्या खून का निकलना।
भगंदर के कारण-
भगंदर कई कारणों से हो सकता है जैसे-
- एक जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना।
- अनुवांशिक कारण।
- लम्बे समय तक कब्ज या एसिडिटी होना।
- पेट खराब रहना।
- गुदा द्वार पर चोट लगने से।
भगंदर को जड़ से खत्म करने की दवा
दिव्य अर्शकल्प वटी का उपयोग भगंदर से छुटकारा पाने के लिए औषधि के रूप में किया जा सकता है। यह दवा आपको बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि स्टोर में मिल जाएगी।
दिव्य अर्शकल्प वटी अनेक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से औषधि तैयार की गई है, जिसके सेवन से पाचन शक्ति बढ़ती है और भगंदर रोग में लाभ मिलता है। भगंदर को जड़ से खत्म करने के लिए एलोपैथी में कई दवाइयां उपलब्ध हैं। लेकिन जब कोई दवा काम नहीं करती है तो इसका इलाज ऑपरेशन द्वारा किया जाता है।
भगंदर का होम्योपैथिक इलाज
भगंदर का इलाज होम्योपैथिक दवाओं से किया जा सकता है। होम्योपैथिक दवाओं का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है या ये नगण्य होती हैं। तो आइए जानते हैं भगंदर को ठीक करने की होम्योपैथिक दवाएं कौन सी हैं।
(1) हिपर सल्फर 6, 30m- भगंदर जैसे गंभीर रोग का इलाज हिपर सल्फर से किया जा सकता है। यह होम्योपैथिक दवा सबसे ज्यादा फायदेमंद है, खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें भगंदर के कारण तेज दर्द होता है। इस दवा को कुछ दिनों तक नियमित रूप से लेने से भगंदर ठीक होने लगता है।
(2) सिलिसिया 200m- सिलिसिया 200 मि. का उपयोग भगंदर के होम्योपैथिक उपचार में किया जा सकता है। भगंदर के रोगियों को चलते-फिरते और शौच करते समय अत्यधिक दर्द होता है, इससे छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथिक दवा सिलिसिया का सेवन किया जा सकता है। जैसे ही आप इस दवा को नियमित रूप से लेंगे, भगंदर धीरे-धीरे दूर हो जाएगा।
(3) सल्फर 30, 200m- भगंदर से पीड़ित रोगी होम्योपैथिक दवा सल्फर 30, 200 मि. का सेवन कर सकते हैं। भगंदर के कारण रोगी की गुदा में सूजन आ जाती है और मल त्याग करते समय असहनीय दर्द होता है। सल्फर औषधि की 30 शक्ति का सेवन करने से भगंदर की सूजन और उसका असर कम होने लगता है।
(4) मिरिस्टिका 3x- भगंदर के ऐसे रोगियों को, जिनका भगंदर रोग सल्फर लेने के बाद भी कम नहीं होता है, डॉक्टर मिरिस्टिका औषधि की 3X मात्रा खाने की सलाह देते हैं। भगंदर रोग में रोगी को असहनीय दर्द होता है। ऐसे मरीजों को ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर इस दवा को पर्ची में लिखकर इसे खाने की सलाह देते हैं।
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया की भगंदर को जड़ से खत्म करने की दवा | bhagandar kya hota hai अब आप भी घर पर रहेके घरेलु उपाय भगंदर को जड़ से खत्म कर सकते है, हमे उम्मीद है आपको आपकी जानकारी मिल गयी होगी।